पुणे कोर्ट में सावरकर मानहानि केस की सुनवाई के दौरान एक नया मोड़ आ गया है। राहुल गांधी के वकील ने कोर्ट में लिखित बयान देकर कहा कि उनकी जान को खतरा है। हालांकि, इस बयान के तुरंत बाद कांग्रेस ने इससे पल्ला झाड़ लिया और कहा कि यह बयान राहुल गांधी की सहमति के बिना दिया गया था, जिसे कल कोर्ट से वापस ले लिया जाएगा।
मानहानि केस में वकील ने दिया बयान
सावरकर मानहानि केस की सुनवाई के दौरान राहुल गांधी के वकील मिलिंद पवार ने पुणे कोर्ट को लिखित सूचना दी। उन्होंने कहा कि “वोट चोरी” का मामला उजागर करने के बाद से राहुल गांधी की जान को खतरा बढ़ गया है। वकील ने कोर्ट से अपील की कि राहुल गांधी को ‘प्रिवेंटिव प्रोटेक्शन’ दी जाए, क्योंकि यह राज्य की संवैधानिक जिम्मेदारी है।
वकील ने यह भी दावा किया कि मानहानि की शिकायत करने वाले सत्यकी सावरकर का संबंध सावरकर और गोडसे परिवार से है, जिसके कारण वे अपने प्रभाव का दुरुपयोग कर सकते हैं। इसके अलावा, वकील ने बीजेपी नेताओं द्वारा कथित रूप से राहुल गांधी को आतंकवादी कहने और उनकी दादी की तरह अंजाम भुगतने की धमकी देने का भी जिक्र किया।
कांग्रेस ने बयान से पल्ला झाड़ा
वकील के इस बयान के बाद कांग्रेस नेता सुप्रिया श्रीनेत ने X पर एक पोस्ट के जरिए अपनी स्थिति साफ की। उन्होंने लिखा कि राहुल गांधी के वकील ने उनसे बिना सहमति लिए यह लिखित बयान कोर्ट में दाखिल किया था। राहुल गांधी इस बयान से पूरी तरह असहमत हैं। इसलिए उनके वकील कल इस बयान को कोर्ट से वापस लेंगे।
WhatsApp ग्रुप से जुड़ें |
Join WhatsApp Group |
क्या है मानहानि का पूरा मामला?
यह मानहानि का मामला राहुल गांधी के उन बयानों से जुड़ा है, जो उन्होंने सावरकर के खिलाफ दिए थे। यह केस सत्यकी सावरकर ने दायर किया है। याचिका में आरोप लगाया गया है कि राहुल गांधी के बयानों से हिंदू समुदाय का अपमान हुआ है।
राहुल गांधी ने मार्च 2023 में लंदन में एक भाषण में कहा था कि सावरकर ने एक किताब में मुस्लिम व्यक्ति को पीटने की बात लिखी थी। इससे पहले, नवंबर 2022 में भारत जोड़ो यात्रा के दौरान, उन्होंने अकोला में एक रैली में सावरकर द्वारा अंग्रेजों को लिखी गई एक चिट्ठी दिखाते हुए कहा था कि उन्होंने डरकर अंग्रेजों से माफी मांगी थी।
सुप्रीम कोर्ट भी दे चुकी है फटकार
यह पहला मौका नहीं है जब राहुल गांधी अपने बयानों को लेकर विवादों में आए हैं। 26 अप्रैल को सुप्रीम कोर्ट ने भी सावरकर पर आपत्तिजनक टिप्पणी को लेकर उन्हें फटकार लगाई थी। कोर्ट ने कहा था कि हम किसी को भी स्वतंत्रता सेनानियों के खिलाफ अनाप-शनाप बोलने की इजाजत नहीं दे सकते। कोर्ट ने चेतावनी दी थी कि अगर वे भविष्य में ऐसे बयान देंगे, तो कोर्ट स्वतः संज्ञान लेकर कार्रवाई करेगा।