मध्य प्रदेश के सिंगरौली जिले से सरकारी लापरवाही का एक ऐसा हैरान करने वाला मामला सामने आया है, जिसे सुनकर यकीन करना मुश्किल है। यहाँ के सरकारी रिकॉर्ड में एक नवजात बच्ची को उसी दिन आंगनबाड़ी सहायिका नियुक्त कर दिया गया जिस दिन उसका जन्म हुआ था, वहीं एक 15 साल की लड़की को भी आंगनबाड़ी कार्यकर्ता के पद पर नियुक्त दिखाया गया है। यह पूरा मामला सरकारी सिस्टम पर गंभीर सवाल खड़े करता है।
सरकारी रिकॉर्ड में अजीबोगरीब नियुक्तियां
सिंगरौली के चितरंगी ब्लॉक के धानी गांव से सामने आए इस चौंकाने वाले मामले में सरकारी रिकॉर्ड के अनुसार, आंगनबाड़ी सहायिका सोनकली देवी का जन्म और नियुक्ति दोनों एक ही दिन (22 जुलाई 1988) को हुए थे। वहीं, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता पचवती की जन्मतिथि 10 अक्टूबर 1973 है, जबकि उनकी नियुक्ति 22 जुलाई 1988 को हुई थी। इसका मतलब है कि उन्हें सिर्फ 15 साल की उम्र में ही आंगनबाड़ी कार्यकर्ता बना दिया गया।
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सिस्टम पर उठे गंभीर सवाल
इस मामले के सामने आने के बाद, अधिकारियों ने इसे एक कंप्यूटर ऑपरेटर की गलती बताया है। लेकिन यह सवाल उठता है कि क्या सरकारी व्यवस्था इतनी लचर है कि इतनी बड़ी और साफ गलती सालों तक बिना किसी की नज़र में आए रिकॉर्ड में दर्ज होती रही? जब नियुक्तियों के रिकॉर्ड में इस तरह की गड़बड़ियां हैं, तो यह सरकारी योजनाओं की विश्वसनीयता पर भी सवाल उठाता है। फिलहाल, इस मामले की जांच की जा रही है, लेकिन इस घटना ने सरकारी व्यवस्था की कार्यप्रणाली पर एक बड़ा सवालिया निशान छोड़ दिया है।

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